आज की न्यूज़ पहले जैसी नहीं रही। जहाँ पहले खबरों में तथ्य, रिसर्च और संवेदनशीलता को महत्व दिया जाता था, अब वहीं टीआरपी की दौड़ ने न्यूज़ चैनलों की प्राथमिकताएँ बदल दी हैं। अब खबरों की जगह चीख-चिल्लाहट, एजेंडा सेटिंग और भावनात्मक उकसावे का बोलबाला है। क्या हो गया है हमारे मीडिया को? सवाल उठता है – क्या सच में अब न्यूज़ कम और ड्रामा ज़्यादा हो गया है? दर्शकों का विश्वास क्यों घटता जा रहा है? क्या मीडिया अब सच्चाई से ज़्यादा राजनीति और ध्रुवीकरण पर केंद्रित हो गया है? इस वीडियो में हम इन सभी सवालों का विश्लेषण करेंगे। • न्यूज़ स्टूडियोज में बदलती बहस की शैली • एंकरों की भूमिका: पत्रकार या प्रचारक? • न्यूज़ चैनलों की टीआरपी रणनीति • सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं • और अंत में, क्या समाधान हो सकते हैं? TRP के चक्कर में क्या हो रहा है? टीआरपी यानी टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट एक ऐसा मीट्रिक है जो यह तय करता है कि कौन-सा शो या चैनल कितने लोग देख रहे हैं। टीआरपी बढ़ाने के लिए न्यूज़ चैनल अब ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनसे दर्शक भावनात्मक रूप से जुड़ जाएँ – चाहे वह धार्मिक टकराव हो, किसी सेलिब्रिटी की निजी ज़िंदगी, या राजनीतिक बयानबाज़ी। तथ्यों की जगह टीका-टिप्पणी बहसों में अब विशेषज्ञों से ज़्यादा ऐसे लोग बुलाए जाते हैं जो उत्तेजक भाषा बोलें और हेडलाइन बने। तथ्यों पर चर्चा करने की जगह व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप, चीख-पुकार और एकतरफा एजेंडा थोपना आम हो गया है। सोशल मीडिया पर नाराज़गी हजारों लोगों ने सोशल मीडिया पर इस गिरावट के खिलाफ आवाज़ उठाई है। हैशटैग्स जैसे #PaidMedia, #TRPNews और #MediaTrial रोज़ ट्रेंड होते हैं। लोग कह रहे हैं कि उन्हें निष्पक्ष और शांत पत्रकारिता चाहिए – न कि ऐसा ड्रामा जो देश की जनता को गुमराह करे। क्या किया जा सकता है? मीडिया की विश्वसनीयता लौटाने के लिए जरूरी है: • पत्रकारिता में पारदर्शिता • एंकरों की जवाबदेही • दर्शकों का जागरूक और सोच-समझकर कंटेंट का चुनाव • फेक न्यूज़ और भड़काऊ रिपोर्टिंग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई इस वीडियो को ज़रूर देखें अगर: • आप न्यूज़ के स्तर से निराश हैं • आप सोचते हैं कि पत्रकारिता में सुधार की ज़रूरत है • आप जानना चाहते हैं कि मीडिया कैसे जनता की राय को प्रभावित करता है वीडियो पसंद आए तो Like, Share और Subscribe ज़रूर करें। आपकी राय नीचे कमेंट में ज़रूर दें – क्या आप भी मानते हैं कि न्यूज़ अब सच्चाई से दूर हो चुकी है? #NewsReality #TRPMedia #MediaAgenda #JournalismCrisis #HonestNews #IndianMedia #NewsOrDrama #TRPvsTruth #MediaAwareness #SatyakahanHai