कविता नागर | उम्र – 46 वर्ष | जीवन को फिर से जीने की ख्वाहिश है 🌷 कविता नागर जी की ज़िंदगी एक ऐसी किताब की तरह है, जिसके कुछ पन्ने बहुत दर्दभरे रहे, लेकिन अब वो चाहती हैं कि आगे के पन्ने सुकून, अपनापन और साझेदारी से भरे हों। पति के असमय निधन के बाद कविता जी ने खुद को समेटा, अपने अंदर की टूटन को सम्भाला और फिर से खड़ी हुईं — बिना किसी के सहारे। उनका जीवन एक शांत नदी की तरह है… जिसमें गहराई है, ठहराव है और एक ऐसी प्यास भी, जिसे सिर्फ कोई सच्चा साथी ही बुझा सकता है। 👉🏻 कोई संतान नहीं है। 👉🏻 कोई जाति बंधन नहीं है। 👉🏻 सीधी, सरल, भावुक और व्यवहार में बेहद शालीन। अब वो चाहती हैं एक ऐसा रिश्ता जो केवल दिखावे पर न टिका हो — बल्कि भावनाओं की समझ, आत्मीय संवाद और मानसिक सामंजस्य पर टिका हो। अगर आप भी जीवन में एक ऐसी साथी की तलाश में हैं जो सिर्फ आपकी नहीं, आपकी चुप्पियों की भी कद्र करे… तो कविता जी से जुड़ना आपके लिए एक नई शुरुआत हो सकती है।