वक़्फ़ संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हो गया है. सरकार का दावा है कि इस क़ानून के ज़रिए वो पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी, वक़्फ़ संपत्तियों की कथित लूट रोकी जाएगी और साथ ही प्रशासनिक जवाबदेही भी तय होगी. मगर विरोधी दलों और मुसलमान संगठनों का आरोप है कि सरकार आख़िर एक ही धर्म में सारे सुधार लाने पर क्यों आमादा है, यह बिल उनकी नज़र में अल्पसंख्यक अधिकारों में दख़ल का मामला है. क्या ये संशोधन वास्तव में एक सुधार का क़दम है या मुसलमानों को निशाने में रखकर उठाया गया क़दम, क्या ये बिल भ्रष्टाचार ख़त्म करेगा और वक़्फ़ की आय ग़रीब मुसलमानों तक पहुंच सकेगी या फिर ग़ैर मुसलमानों को वक़्फ़ में शामिल करना और वक़्फ़ बाय यूज़र को हटाने से एक धार्मिक बहस तेज़ होगी. 2013 में जिन 123 वीआईपी संपत्तियों को वक़्फ़ को दिए जाने का आरोप है उसका मामला आख़िर क्या है और इस क़दम का बिहार की राजनीति पर कैसा असर पड़ सकता है? क्या है इस क़दम का राजनीतिक एजेंडा? द लेंस के आज के एपिसोड में वक़्फ़ संशोधन विधेयक के मुद्दे पर चर्चा की गई. जिसमें मुकेश शर्मा के साथ चर्चा में शामिल हुए जनता दल यूनाइटेड के नेता राजीव रंजन, संविधान विशेषज्ञ संजय हेगड़े और वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी. इसके साथ ही यूपीए सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के अलावा क़ानून और न्याय मामलों के मंत्री रहे सलमान ख़ुर्शीद ने भी बताया कि इस विधेयक से उनकी तीन प्रमुख आपत्तियां क्या हैं. #waqfamendmentbill #waqfboard #muslim #waqfbill * ऐसे ही और वीडियो देखने के लिए चैनल सब्सक्राइब ज़रूर करें- https://www.youtube.com/channel/UCN7B-QD0Qgn2boVH5Q0pOWg?disable_polymer=true * बीबीसी हिंदी से आप इन सोशल मीडिया चैनल्स पर भी जुड़ सकते हैं- फ़ेसबुक- https://www.facebook.com/BBCnewsHindi ट्विटर- https://twitter.com/BBCHindi इंस्टाग्राम- https://www.instagram.com/bbchindi/ व्हाट्सऐप- https://www.whatsapp.com/channel/0029Vaf8zY1ElagsEvZ4Gp1I बीबीसी हिंदी का एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें- https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi