पुत्रवती महिलाएं अपनी संतान की रक्षा के लिए गणेश जी का व्रत करती हैं। इसे गणेश चौथ, मांघी चौथ, संकष्टी चतुर्थी एवं तिलवा भी कहते हैं। यह व्रत महिलाएं निराहार निर्जला रहती हैं एवं शाम को चंद्रमा देखकर जल ग्रहण करती हैं तथा शकरकंद, तिल, सिंघाड़े के आटे का हलवा इत्यादि का सेवन करती हैं